If the Modi govt had set aside its arrogance & listened to Opposition parties & leaders like Shri Rahul Gandhi, thousands of lives & livelihoods could have been saved.
राहुल गांधी जी ने मोदी सरकार से मानदंडों के अनुसार विदेशी वैक्सीन के त्वरित स्वीकृति की मांग की और आखिरकार 5 दिन के अंतराल पर मोदी सरकार ने यह मांग स्वीकार कर विदेशी वैक्सीन को स्वीकृति दी।
भाजपा की देरी देशवासियों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ती है।
मोदी सरकार के पास हर भारतीय को टीका वितरण करने हेतु कोई नीति नहीं है। देश को वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरूआत में ही वैक्सीन की शॉर्टेज का सामना करना पड़ रहा है।