रायबरेली, भारत सरकार अल्पसंख्यक वित्त आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष मुसर्रत जहां ने सोमवार को पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि अल्प संख्यकों दलितों व पिछड़ों की उत्थान व विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपये भेज रही है। केंद्र द्वारा भेजा गया 30 प्रतिशत से अधिक धन वर्षात में प्रदेश सरकार ने वापस मंगा लिया है और उसका कहां प्रयोग किया है। इसका हिसाब प्रदेश सरकार नहीं दे रही हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश में अल्पसंख्यकों को टर्न लोन के लिए 118 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये थे। इसका सदुपयोग नहीं किया गया। योजना में अपेक्षित लोगों को धन मुहैया नहीं कराया गया। दलितों व पिछड़ों के उत्थान के लिए केंद्र ने 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक उपलब्ध कराये हैं। मार्च 2011 के अंत तक प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र से आया 25 से 30 प्रतिशत धन प्रदेश सरकार ने वापस मंगा लिया है। रायबरेली जिले से भी 26 लाख रुपये मार्च में प्रदेश सरकार ने वापस मंगा लिए हैं। प्रदेश सरकार इस मद का पैसा कहां खर्च कर रही है। इसके बारे में कुछ बताने को तैयार नहीं है। मल्टी स्ट्रक्चरल कांस्टेक्शन के लिए धन का भी दुरुपयोग हो रहा है। निर्माण के लिए प्रदेश सरकार लखनऊ की बड़ी-बड़ी कंपनियों को प्रदेश भर में ठेका दे रही है। यह कार्य अगर जिले में तैनात एजेंसियों से कराया जाए तो स्थानीय स्तर का प्रशासन इनसे जवाब मांग सकता है। प्रदेश की निर्माण एजेसियां निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख रही है। पड़ोसी जनपद बाराबंकी में केंद्र के धन से बनने वाले स्वास्थ्य व आंगनबाड़ी केंद्र की निर्माण गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इस कारण प्रदेश में अल्पसंख्यकों, पिछड़ों व दलितों का अपेक्षित उत्थान नहीं हो पा रहा है। जिले में अल्पसंख्यकों की योजनाओं में कुछ काम हुआ लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी सुनीता देवी, सैदुल हसन व अन्य लोग मौजूद थे।